Boycott Tukey को लेकर सियासत तेज, बीजेपी ने कांग्रेस के रुख पर उठाया सवाल, कांग्रेस बोली-सरकार स्थिति स्पष्ट करे

Jairam ramesh, Pawan Khera
Image Source : PTI जयराम रमेश और पवन खेड़ा

Boycott Tukey : बायकॉट तुर्की को लेकर बीजेपी ने कांग्रेस के स्टैंड पर सवाल उठाया है। बीजेपी नेता अमित मालवीय ने कांग्रेस को घेरा और कहा कि पूरा देश तुर्की के खिलाफ एकजुटता से खड़ा है  लेकिन कांग्रेस पार्टी खुद को भारतीय लोगों की व्यापक भावना के साथ भी नहीं जोड़ पा रही है।

दरअसल, अमित मालवीय ने कांग्रेस की प्रेस कॉन्फ्रेंस का एक वीडियो शेयर किया है जिसमें तुर्की के बॉयकॉट से जुड़ा सवाल पत्रकारों के द्वारा पूछा गया था। लेकिन जयराम रमेश और पवन खेड़ा ने कोई भी जवाब देने से इनकार कर दिया। इसी वीडियो को शेयर करते हुए अमित मालवीय ने लिखा-तुर्की और अजरबैजान द्वारा पाकिस्तान के आतंकी राज्य को दिए जा रहे समर्थन से देश गुस्से में है। इन देशों के साथ व्यापार और पर्यटन का बहिष्कार करने की मांग बढ़ रही है और जनता एकजुटता के साथ खड़ी है। लेकिन कांग्रेस पार्टी खुद को भारतीय लोगों की व्यापक भावना के साथ भी नहीं जोड़ पा रही है। कोई आश्चर्य नहीं कि यह जनता से इतनी कटी हुई है। यह अपनी राजनीतिक गुमनामी और पूर्ण अलगाव की हकदार है।’ वहीं कांग्रेस का कहना है कि सरकार तुर्की को लेकर स्थिति स्पष्ट करे। क्या सरकार ने तुर्की का दूतावास बंद कर दिया है?

सरकार को अपना स्टैंड क्लियर करे-कांग्रेस

अमित मालवीय के इस पोस्ट पर कांग्रेस के पवन खेड़ा ने पलटवार किया है। कांग्रेस ने पूछा कि पहले सरकार को अपना स्टैंड क्लियर करना चाहिए। किसी देश के साथ क्या रिश्ते होंगें ये विपक्ष नहीं सरकार तय करता है। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर PMO और विदेश मंत्री को टैग करते हुए लिखा कि देश के सामने यह स्पष्ट करें कि क्या सरकार ने तुर्की का राजदूतावास बंद कर दिया है, और उस देश से सारे कूटनीतिक और व्यापारिक रिश्ते तोड़ दिए हैं। किस देश के प्रति क्या रिश्ते रखने हैं, यह निर्णय सरकार को लेना होता है, विपक्ष को नहीं। सरकार तुरंत स्थिति स्पष्ट करे।  

सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर उन्होंने PMO और विदेश मंत्री को टैग करते हुए लिखा कि देश के सामने यह स्पष्ट करें कि क्या सरकार ने तुर्की का राजदूतावास बंद कर दिया है, और उस देश से सारे कूटनीतिक और व्यापारिक रिश्ते तोड़ दिए हैं। किस देश के प्रति क्या रिश्ते रखने हैं, यह निर्णय सरकार को लेना होता है, विपक्ष को नहीं। सरकार तुरंत स्थिति स्पष्ट करे।  

भारत ने भूकंप के बाद मदद की, तुर्की ने पाक को ड्रोन भेजे

दरअसल, भारत के लोग तुर्की को उसकी एहसान फरामोशी की सजा दे रहे हैं। भयानक भूकंप के बाद जिस तुर्की की भारत ने मदद की उसने युद्ध में पाकिस्तान का साथ दिया। ड्रोन से लेकर दूसरे हथियार पाकिस्तान को मुहैया कराया। अब उसके खिलाफ भारतीयों ने मोर्चा खोल दिया है। भारत के ट्रैवल एजेंसी अब तुर्की टूर की बुकिंग को कैंसिल कर रहे हैं साथ ही नई बुकिंग भी नहीं ले रहे हैं। जिससे तुर्की को हर साल तीन हजार करोड़ का नुकसान उठाना पड़ेगा। 

भारतीय पर्यटकों से सालाना 3 हजार करोड़ की कमाई

बता दें कि तुर्की की इकोनॉमी में टूरिज्म सेक्टर भी काफी अहम है। हर साल औसतन तीन लाख भारतीय पर्यटक तुर्की जाते हैं जिससे तुर्की को करीब 3 हजार करोड़ की कमाई होती है लेकिन अब भारत की टूरिज्म कंपनियों, ट्रैवल ऑपरेटर्स ने तुर्की की बुकिंग लेना बंद कर दिया है और जो बुकिंग हुईं थी वो भी कैंसिल की जा रही है। पिछले एक हफ्ते में तुर्की और अजरबैज़ान की बुकिंग में 60 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई जबकि इस दौरान इन दोनों देशों की यात्रा के लिए कैंसिलेशन 250 प्रतिशथ तक बढ़ गया है।

तुर्की पर बड़ा इकोनॉमिक स्ट्राइक

इतना ही नहीं इस बायकॉट के जरिए भारतीयों ने तुर्की पर बड़ा इकोनॉमिक स्ट्राइक किया है। फलों के व्यापार को भी बंद कर दिया है। तुर्की का सेब भारत में खूब बिकता है। अब कारोबार बंद होने से उसे करीब 1400 करोड़ का नुकसान होगा। इतना ही नहीं मार्बल व्यापारियों ने भी तुर्की को क्लियर कट मैसेज दे दिया है कि तुर्की से मार्बल नहीं मंगाएगा। इससे तुर्की को सालाना 5 हजार करोड़ का नुकसान होगा। इतना ही नहीं अगर भारतीय तुर्की घूमने नहीं जाएंगे तो तुर्की को हर साल ढाई से तीन हजार करोड़ का झटका लगेगा।

Latest India News

टिप्पणियाँ बंद हैं।