हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बढ़ेगी भारत-जापान की साझेदारी, तोक्यो में आतंक पर बरसे विदेश सचिव विक्रम मिसरी

तोक्यो: भारत और जापान के बीच हिंद-प्रशांत क्षेत्र में रणनीतिक साझेदारी अब पहले से और अधिक मजबूत होने जा रही है। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बृहस्पतिवार को जापान के विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने आतंकवाद के प्रति भारत की ‘जीरो टोलरेंस’ नीति को स्पष्ट रूप से सामने रखा। साथ ही दोनों देशों के बीच हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग और रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने पर भी चर्चा की।
जापान में भारतीय दूतावास ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि मिसरी ने जापान के वरिष्ठ उप विदेश मंत्री हिरोयुकी नमाजू से मुलाकात की। इस दौरान “हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत-जापान सहयोग और साझा हितों के अन्य विषयों पर चर्चा” की गई। इसके अलावा विदेश सचिव ने जापान के विदेश मामलों के उपमंत्री ताकेहिरो फुनाकोशी से भी मुलाकात की। दूतावास के अनुसार, “इस बैठक में भारत-जापान विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी को मजबूत करने तथा आतंकवाद के खिलाफ भारत के कड़े रुख को रेखांकित किया गया।”
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद वैश्विक संपर्क अभियान का हिस्सा
मिसरी की यह यात्रा पाकिस्तान से उत्पन्न आतंकवाद के खिलाफ भारत की वैश्विक संपर्क मुहिम का हिस्सा है, जो हाल ही में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद तेज़ी से आगे बढ़ाई जा रही है। इस अभियान का उद्देश्य दुनिया भर में भारत के आत्मरक्षा के अधिकार और आतंकवाद के खिलाफ कड़े रुख को साझा करना है। भारत ने हाल में पाकिस्तान और पीओके (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर) में आतंकवादी ठिकानों पर लक्षित सैन्य कार्रवाई की थी, जिसके बाद वह अपने रुख को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सक्रिय रूप से साझा कर रहा है। मिसरी की जापान यात्रा उसी रणनीति का एक अहम हिस्सा मानी जा रही है। (भाषा)
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