सुप्रीम कोर्ट को मिलेगा दलित जज, केंद्र ने मंजूर की कॉलेजियम की सिफारिश, इन सरकारों की कर चुके हैं खिंचाई
कर्नाटक हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रसन्ना भालचंद्र वरले (Justice Prasanna Bhalachandra Varale) सुप्रीम कोर्ट के जज बनेंगे। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश को मंजूर करते हुए केंद्रीय कानून मंत्रालय ने वरले की नियुक्ति को हरी झंडी दे दी है। जस्टिस वराले सुप्रीम कोर्ट में एकमात्र रिक्ति पद को भरने के लिए तैयार हैं जो दिसंबर में जस्टिस संजय किशन कौल की सेवानिवृत्ति के बाद खाली हुई थी।
केंद्रीय मंत्री ने दी जानकारी
केंद्रीय कानून और न्याय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने एक्स हैंडल पर कहा कि भारत के माननीय मुख्य न्यायाधीश के साथ परामर्श के बाद कर्नाटक हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति प्रसन्न भालचंद्र वरले को न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करते हुए उन्हें प्रसन्नता हो रही है।
एससी समुदाय से वरिष्ठतम न्यायाधीश
न्यायमूर्ति प्रसन्ना भालचंद्र वरले ने अक्टूबर 2022 में कर्नाटक हाई कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश के रूप में स्थानांतरण से पहले 14 साल तक बॉम्बे हाई कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में कार्य किया। वर्तमान में वह अनुसूचित जाति समुदाय से संबंधित एकमात्र उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश हैं। वरले के अनुसार, मैं भाग्यशाली था कि मैं ऐसे परिवार में पैदा हुआ जिसे डॉ. बीआर अंबेडकर का आशीर्वाद प्राप्त था। मैं महान विद्वान और राजनीतिक विचारक के कारण ही इस महान संस्थान में हूं।
महाराष्ट्र और कर्नाटक सरकार की कर चुके हैं खिंचाई
न्यायमूर्ति वराले जनहित में स्वत: संज्ञान से मामले शुरू करने के लिए जाने जाते हैं और उन्होंने अपने आचरण के लिए कई बार महाराष्ट्र और कर्नाटक सरकारों की खिंचाई की है। उनकी देखरेख में कर्नाटक उच्च न्यायालय ने प्रशासन से कठिन प्रश्न पूछने के लिए कई समाचार रिपोर्टों का संज्ञान लिया और दोषी अधिकारियों को दंडित भी किया।
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