सरकार ने हल्दी बोर्ड का गठन किया, जानिए यह क्या और इससे किसे मिलेगा फायदा
सरकार ने देश में हल्दी और इसके उत्पादों के विकास के साथ निर्यात बढ़ाने के लिए बुधवार को राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड के गठन की मंजूरी दी। हल्दी के चिकित्सकीय गुणों को देखते हुए दुनियाभर में इसके व्यापार की काफी संभावनाएं हैं। हल्दी के वैश्विक कारोबार में भारत की हिस्सेदारी 62 प्रतिशत से भी अधिक है। सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में लिये गये इस निर्णय की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार ने वर्ष 2030 तक हल्दी निर्यात को 1,600 करोड़ रुपये के मौजूदा स्तर से बढ़ाकर 8,400 करोड़ रुपये (एक अरब अमेरिकी डॉलर) तक पहुंचाने की योजना बनाई है।
उत्पादों के विकास एवं वृद्धि पर ध्यान देगा
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि हल्दी बोर्ड देश में हल्दी और संबंधित उत्पादों के विकास एवं वृद्धि पर ध्यान देगा। यह बोर्ड अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने, मूल्य संवर्धन से अधिक लाभ प्राप्त करने के लिये हल्दी उत्पादकों के क्षमता निर्माण और कौशल विकास में मदद करेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को तेलंगाना में एक समारोह में हल्दी बोर्ड बनाए जाने की घोषणा की थी। इस आशय के प्रस्ताव को केंद्र ने अगले ही दिन अधिसूचित कर दिया। इस अवसर पर केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि हल्दी के लिये बोर्ड स्थापित करने का फैसला न सिर्फ तेलंगाना के किसानों को फायदा पहुंचाएगा बल्कि महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, मिजोरम, असम, गुजरात, ओडिशा एवं पश्चिम बंगाल के किसान भी इससे लाभांवित होंगे। वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि बोर्ड हल्दी की गुणवत्ता और खाद्य सुरक्षा मानकों तथा ऐसे मानकों के अनुपालन को भी बढ़ावा देगा।
भारत दुनिया में हल्दी का सबसे बड़ा उत्पादक
भारत दुनिया में हल्दी का सबसे बड़ा उत्पादक, उपभोक्ता और निर्यातक है। बयान के अनुसार, बोर्ड में केंद्र सरकार की तरफ से नियुक्त अध्यक्ष के अलावा आयुष मंत्रालय, औषधि विभाग, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, वाणिज्य और उद्योग विभाग के साथ तीन राज्यों से प्रतिनिधि (बारी-बारी के आधार पर) शामिल होंगे। इसके अलावा अनुसंधान में शामिल राष्ट्रीय/राज्य संस्थानों, चुनिंदा हल्दी किसानों और निर्यातकों के प्रतिनिधि भी बोर्ड में शामिल होंगे। बोर्ड के सचिव की नियुक्ति वाणिज्य विभाग करेगा। वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान 380 से अधिक निर्यातकों ने 20.74 करोड़ डॉलर मूल्य की 1.534 लाख टन हल्दी और उससे बने उत्पादों का निर्यात किया था।
इन देशों को होता है निर्यात
भारत से हल्दी का निर्यात प्रमुख रूप से बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका और मलेशिया को होता है। यह बोर्ड हल्दी से संबंधित मामलों पर नेतृत्व देने के साथ हल्दी क्षेत्र के विकास और वृद्धि में मसाला बोर्ड और अन्य सरकारी एजेंसियों के साथ समन्वय स्थापित करेगा। यह विशेष रूप से मूल्य संवर्धन से अधिक लाभ प्राप्त करने के लिए हल्दी उत्पादकों की क्षमता निर्माण और कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित करेगा। देश में पिछले वित्त वर्ष में 11.61 लाख टन हल्दी का उत्पादन हुआ था जो कुल वैश्विक उत्पादन के 75 प्रतिशत से भी अधिक है। देश में 3.24 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हल्दी की खेती की गई थी। बीस से अधिक राज्यों में हल्दी की 30 से अधिक किस्में उगाई जाती हैं। हल्दी के सबसे बड़े उत्पादक राज्य महाराष्ट्र, तेलंगाना, कर्नाटक और तमिलनाडु हैं।
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