‘सत्या’ की रिलीज के 25 साल बाद Urmila Matondkar को आया गुस्सा, बोलीं- इस बारे में न ही बात हो तो…!
राम गोपाल वर्मा की फेमस फिल्म ‘सत्या’ आज से ठीक 25 साल पहले रिलीज हुई थी। फिल्म के 25 साल पूरे करने पर फिल्म से जुड़े एक्टर्स इसे याद कर रहे हैं। फिल्म में भीकू म्हात्रे की भूमिका निभाने वाले मनोज बाजपेयी ने फिल्म के अपने कुछ दृश्यों का एक वीडियो साझा किया। वहीं फिल्म की लीड हीरोइन उर्मिला मातोंडकर ने फिल्म से अपने किरदार विद्या की कुछ तस्वीरें भी साझा कीं, लेकिन इसके साथ ही उर्मिला ने कुछ ऐसा लिखा कि लोगों के कान खड़े हो गए।
उर्मिला मातोंडकर ने किया अजीब ट्वीट
उर्मिला मातोंडकर का ये ट्वीट सबका ध्यान आकर्षित कर रहा है। लोग जानना चाहते है कि वो आधी-अधूरी बातें क्यों कर रही हैं। दरअसल उर्मिला मातोंडकर ने अपने इस ट्वीट में ‘पक्षपात’ और ‘भाई-भतीजावाद’ के बारे में भी बात की। उर्मिला इस बात से खफा नजर आ रही हैं कि इस फिल्म में शानदार एक्टिंग करने के बाद भी न तो उन्हें कोई अवॉर्ड मिला और न ही वो किसी अवॉर्ड में नॉमिनेट हुईं।
उठाया नेपोटिज्म का मुद्दा
उर्मिला मातोंडकर ने अपने ट्वीट में लिखा कि उन्होंने अपने करियर के शिखर पर एक साधारण चॉल की लड़की का किरदार निभाया था। वो लिखती है, ‘एक शानदार ग्लैमरस करियर के शिखर पर सीधी-सादी भोली-भाली लड़की विद्या का किरदार निभाने वाली सत्या को 25 साल हो गए। लेकिन नहीं, इसका ‘अभिनय’ से क्या लेना-देना है। इसलिए कोई पुरस्कार नहीं, नामांकन भी नहीं। तो बैठ जाओ और मुझसे पक्षपात और भाई-भतीजावाद के बारे में बात मत करो.. बस यूं ही कह रही हूं।’
फैंस ने की उर्मिला की बात
ट्वीट पर एक यूजर ने लिखा, ‘फिल्म वास्तव में एक मास्टरपीस थी। ‘सत्या’ और आप तब से लोगों के दिलों में रहते हैं। जहां तक पुरस्कारों और भाई-भतीजावाद की बात है, तो जितना कम कहा जाए उतना बेहतर है।’ इस पर उर्मिला मातोंडकर ने जवाब दिया, ‘सच है!!’ एक अन्य यूजर ने लिखा, ‘वह फिल्म बहुत पसंद आई। इसने फिल्म उद्योग में एक नया चलन शुरू किया। पुरस्कार मिले या न मिले, इस फिल्म में आप और मनोज बिल्कुल शानदार दिखे थे।’
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