भारतीय इन 10 एसेट क्लास में सबसे ज्यादा करते हैं निवेश, इन्वेस्टमेंट से पहले रिस्क, रिटर्न समेत इन बातों का रखते हैं ख्याल
हम सभी भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए निवेश करते हैं। इसके लिए हम अपनी जरूरत और वित्तीय लक्ष्य के अनुसार इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट का चुनाव करते हैं। कोई शेयर में निवेश करता है तो कोई सोना और रियल एस्टेट में। हालांकि, निवेश से पहले रिस्क और रिटर्न का खास ख्याल रखते हैं। क्या आपको पता है कि भारतीय किन 10 एसेट क्लास में सबसे अधिक निवेश करते हैं। अगर नहीं तो हम आपको बता रहें हैं।
शेयरों में निवेश
कोरोना महामारी के बाद बहुत सारे युवा सीधे शेयर बाजार में निवेश कर रहें हैं। शेयर में निवेश करने वाले निवेशकों की संख्या तेजी से बढ़ी है। हालांकि, शेयरों में निवेश करने में जोखिम है। रिटर्न की कोई गारंटी नहीं होती। मूल धन भी डूब सकता है। सही शेयरों का चुनाव करने के लिए कई बातों पर गौर करना होता है। लेकिन सुनहरा पक्ष ये है कि सही शेयर में पैसा लगाया जाए, तो इससे काफी अच्छा रिटर्न मिल सकता है।
इक्विटी म्यूचुअल फंड
छोटे निवेशकों का रुझान म्यूचुअल फंड में तेजी से बढ़ा है। एफडी के मुकाबले ज्यादा रिटर्न ने निवेशकों को म्यूचुअल फंड की ओर आकर्षित किया है। बहुत सारे निवेशक इक्विटी म्यूचुअल फंड में पैसा लगा रहें हैं। इक्विटी म्यूचुअल फंड मुख्यत: शेयरों में निवेश करता है। नियमानुसार यह कम से कम 65 फीसदी फंड को शेयरों में या शेयरों से जुड़े उपकरणों में निवेश करता है।
डेट म्यूचुअल फंड
जो निवेशक निरंतर और निश्चित रिटर्न चाहते हैं, उनके लिए डेट फंड बेहतर है। भारत के बहुत सारे निवेश डेट म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं। इनमें जोखिम कम है। ये फंड निश्चित ब्याज देने वाले बांड में निवेश करते हैं, जिनमें कॉरपोरेट बांड, सरकारी बांड, ट्रेजरी बिल, कॉमर्शियल पेपर, आदि शामिल हैं।
नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS)
एनपीएस लंबी अवधि का एक रिटायरमेंट फंड है। इसका प्रबंधन पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (पीएमआरडीए) करता है। पीएफआरडीए शेयर, फिक्स्ड डिपॉजिट, कॉरपोरेट बांड, लिक्विड फंड, सरकारी फंड, आदि में निवेश करता है। रिटायरमेंट प्लानिंग करने वाले निवेशक इसमें निवेश करते हैं।
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)
पीपीएफ की मैच्योरिटी अवधि अधिक होती है, इसलिए इसमें टैक्स-फ्री ब्याज के कंपाउंडिंग का फायदा भी काफी अधिक मिलता है। इसपर मिलने वाले ब्याज और मूल निवेश के साथ सरकार की गारंटी होती है। इसलिए यह एक सुरक्षित निवेश है। रिस्क फ्री रिटर्न के लिए निवेशक इस प्रोडक्ट का चुनाव करते हैं।
बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट (FD)
लोग एफडी को सुरक्षित निवेश मानते हैं। निवेशक मासिक, तिमाही, अर्ध वार्षिक, सालाना और परिपक्वता पर ब्याज का विकल्प चुन सकता है। छोटे निवेशक इसमें सबसे ज्यादा निवेश करते हैं।
सीनियर सिटीजंस सेविंग स्कीम (एससीएसएस)
रिटायरमेंट के बाद लोग इस स्कीम में निवेश को तरजीह देते हैं।
आरबीआई टैक्सेबल बांड
इसकी परिपक्वता अवधि सात साल होती है। इसे डीमैट रूप में जारी किया जाता है। यह निवेशक के बांड लेजर अकाउंट में क्रेडिट होता है। इसके प्रमाण के तौर पर निवेशक को होल्डिंग सर्टिफिकेट दिया जाता है।
रियल एस्टेट
जिस घर में आप रहते हैं, उसे निवेश नहीं माना जाना चाहिए। जिसमें आप नहीं रहते हैं, उसे निवेश मान सकते हैं। इस निवेश में स्थान का बहुत महत्व है। इससे दो तरह के रिटर्न मिलते हैं। ये हैं मूल्य में बढ़ोतरी और किराया। यह हालांकि इसके साथ दिक्कत यह है कि आप जरूरत पड़ने पर इसे तुरंत बेच नहीं सकते।
सोना
सोना के साथ सुरक्षा का मुद्दा जुड़ा हुआ है। यदि आप ज्वेलरी खरीदते हैं, तो 6-14 फीसदी का मेकिंग चार्ज भी लगता है। स्पेशल डिजाइन पर 25 फीसदी तक मेकिंग चार्ज लग सकता है। आप सोने का सिक्का भी खरीद सकते हैं। आप गोल्ड ईटीएफ खरीद सकते हैं। इसका शेयर बाजार में ट्रेड हो सकता है। आप सॉवरेन गोल्ड बांड भी ले सकते हैं। छोटे निवेशक सबसे अधिक सोना में निवेश करते हैं। ज्वैलरी के रूप में उनका निवेश सबसे अधिक होता है।
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