नेतागिरी के चक्कर में जब शिवराज सिंह के चाचा ने कर दी थी उनकी जमकर धुनाई…’आप की अदालत’ में सीएम ने सुनाया वो किस्सा
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‘आप की अदालत’ शो में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शिरकत की। इस दौरान रजत शर्मा ने शिवराज के बचपन के एक किस्से का जिक्र छेड़ दिया। रजत शर्मा ने शिवराज सिंह चौहान से पूछा कि जब आपने सातवीं कक्षा में नेतागीरि करने की कोशिश की तो चाचा ने आपकी बहुत पिटाई की थी। इसपर मुख्यमंत्री शिवराज ने अपने बचपन का वो किस्सा विस्तार से बताया। शिवराज सिंह ने बताया कि लगभग 50 साल पहले जब बचपन में उनके मन में ये भाव हुआ कि कुछ करना है तो उस वक्त मजदूरी करने वाले जो भाई-बहन और बच्चे थे, उनसे कड़ी मेहनत करवाई जाती थी और बदले में पैसों की बजाय एक बर्तन (जिसे पाई कहते थे) में अनाज नाप के देते थे।
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“जैसे ही शिवराज के चाचा ने लाठी उठाई…”
शिवराज ने बताया कि उस वक्त उन्हें ये एहसास हुआ कि सुबह से शाम तक की मजदूरी के लिए ढाई पाई बहुत कम है तो एक दिन उन्होंने सभी मजदूरों को गांव के मंदिर पर इकट्ठा किया। उम्र कम थी, इसलिए कुछ लोग आए, कुछ नहीं आए। फिर शिवराज ने कहा कि ढाई पाई मजदूरी के लिए बहुत कम है। मजदूर बोले कि इसमें हम क्या कर सकते हैं। शिवराज ने उन्हें बताया कि हम काम बंद कर देंगें और आंदोलन करेंगे। जब किसानों के खेतों में काम करने नहीं जाओगे तो ये लोग मजदूरी बढ़ाएंगे। शिवराज ने मजदूरों को जुलूस के लिए तैयार किया। इसके बाद एक मजदूर ने सर पर पेट्रोमैक्स रखा, आगे-आगे शिवराज चले और बाकी मजदूर उनके पीछे चलने लगे। इसके बाद जैसे ही वो जुलूस शिवराज के घर के दरवाजे तक पहुंचा तो उनके चाचा लाठी लेकर बाहर निकले। इसके बाद जैसे ही उन्होंने लाठी उठाई तो बाकी लोग तो भाग निकले और अकेले शिवराज पकड़े गए। शिवराज ने बताया कि उसके बाद जो धुनाई हुई थी वो अभी तक याद है।
सिंधिया के मन में मुख्यमंत्री बनने की इच्छा होती होगी?
इतना ही नहीं इस दौरान जब रजत शर्मा ने सीएम शिवराज से पूछा कि सिंधिया जी के मन में कभी इच्छा होती होगी कि मैं भी मुख्यमंत्री बन जाऊं? इसपर शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि क्यों नहीं होनी चाहिए? किसी के भी मन में भी इच्छा होना बुरी बात नहीं है। इसपर रजत शर्मा ने पूछा कि आप उन्हें मुख्यमंत्री बनने नहीं देते न? तो शिवराज ने जवाब दिया कि वह तो पार्टी बनाएगी, जनता बनाएगी। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने बताया कि कैसे 2005 में जब वह दिल्ली में सांसद थे तो उन्हें अचानक अपने राज्य का सीएम बना दिया गया था। उन्हें इसके बारे में कोई अंदाजा नहीं था और हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सीएम बनने पर उन्हें सबसे पहले बधाई दी थी।
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