धीरज साहू के मामले पर अमित शाह ने विपक्ष पर साधा निशाना, बोले- INDI गठबंधन इस भ्रष्टाचार पर चुप है

Amit Shah targeted the opposition on Dhiraj Sahu income tax raid case CM Nitish Kumar said this on r- India TV Hindi
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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज बिहार के पटना में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की 26वीं बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत ओडिशा, पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड के वरिष्ठ मंत्री शामिल हुए। बैठक में अंतर-राज्य परिषद सचिवालय के सचिव, सदस्य राज्यों के मुख्य सचिव, राज्य सरकारों और केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। इस अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस सांसद धीरज साहू के यहां छापेमारी में 200 करोड़ से ज्यादा कैश बरामद होने पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “मुझे बड़ा आश्चर्य है, आजादी के बाद किसी सांसद के घर से इतनी बड़ी मात्रा में नकदी नहीं बरामद हुई है। करोड़ों रुपये की वसूली हुई है लेकिन पूरा INDI गठबंधन इस भ्रष्टाचार पर चुप है।

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अमित शाह ने छापेमारी पर विपक्ष पर साधा निशाना

उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस का मौन तो समझ में आता है क्योंकि उनकी फितरत ही भ्रष्टाचार की है, लेकिन टीएमसी, जदयू, आरजेडी और डीएमके और सपा भी चुप बैठी हैं। अब मुझे समझ में आया कि पीएम मोदी के खिलाफ अभियान क्यों चलाया गया कि एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि उनके मन में डर था कि उनके भ्रष्टाचार के सारे राज खुल जाएंगे।’ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “जातिगत सर्वे का निर्णय तभी किया गया जब भाजपा बिहार सरकार में हिस्सेदार थी। सर्वे होने के बाद जो रिपोर्ट आई और जो कानून आया है उसका भी भाजपा ने समर्थन किया है। लेकिन सर्वे में कुछ सवाल उठे हैं, मुख्यत: मुसलमानों और जाति विशेष को ज्यादा तवज्जो देकर छोटी और पिछड़ी जाति के साथ अन्याय का सवाल बार-बार उठ रहा है। मेरा आग्रह है कि सारे सवालों का तुरंत समाधान करना चाहिए।” केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि जब उनकी पार्टी बिहार में सत्ता में थी तो उन्होंने जाति आधारित सर्वे का समर्थन किया था। केंद्र सरकार का कभी भी जाति आधारित सर्वेक्षण में बाधा उत्पन्न करने का कोई इरादा नहीं था।

सीएम नीतीश ने फिर की ‘विशेष राज्य’ की मांग

इस बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हम चाहते थे कि केंद्र सरकार जाति के आधार पर जनगणना कराए। हम शुरू से ही इसके लिए प्रयासरत थे। इसके लिए वर्ष 2019 और 2020 में बिहार विधानमंडल में सर्वसम्मति से जाति आधारित जनगणना का प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजा गया था। फिर हम सभी दलों के प्रतिनिधियों के साथ प्रधानमंत्री से मिले, केंद्र सरकार की ओर से इस पर कोई विचार नहीं किया गया। नीतीश कुमार ने कहा कि हम 2010 से बिहार के लिए ‘विशेष राज्य’ के दर्जे की मांग कर रहे हैं। बिहार एक बहुत ही ऐतिहासिक राज्य है, लगातार विकास के बावजूद भी बिहार विकास के मापदंडों में राष्ट्रीय औसत से काफी नीचे है। बिहार विशेष राज्य के दर्जे की सभी शर्तें पूरी करता है। हमें उम्मीद है कि आप बिहार को ‘विशेष राज्य’ का दर्जा देने के बारे में जरूर सोचेंगे।

आरक्षण के मामले पर नीतीश कुमार ने कही ये बात

सीएम नीतीश कुमार ने इस बैठक में संबोधित करते हुए कहा कि राज्य में आरक्षण की सीमा 50% से बढ़ाकर 65% कर दी गई है। इसके लिए एक कानून पारित किया गया है। सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए 10 फीसदी आरक्षण पहले से ही उपलब्ध है। कुल मिलाकर आरक्षण की कुल संख्या 75 फीसदी तक पहुंच गई है। हमारी सरकार ने केंद्र सरकार के नए आरक्षण कानून को संविधान में स्वीकार कर लिया है। 

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