कतर ने भारत के 8 पूर्व नौसैनिकों को रिहा किया, 7 अफसर वतन लौटे, जासूसी के आरोप में थे बंद

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कतर ने 8 भारतीय पूर्व नौसैनिकों को रिहा कर दिया है। जिनमें से 7 भारत लौट आए हैं। ये सभी सैनिक जासूसी के आरोप में जेल की सजा काट रहे थे। पहले इन्हें मौत की सजा दी गई थी जिसे बाद में कैद में बदल दी गई थी। भारतीय विदेश मंत्रालय ने सोमवार (12 फरवरी) को देर रात बताया कि भारत सरकार कतर में हिरासत में लिए गए दहरा ग्लोबल कंपनी के लिए काम करने वाले 8 भारतीयों की रिहाई का स्वागत करती है। हम इनकी घर वापसी के लिए कतर के फैसले की सराहना करते हैं। आठवें नौसैनिक को घर लाने की व्यवस्था की जा रही है।

मौत की सजा कैद में हुई थी तब्दील

बता दें कि इन 8 पूर्व नौसैनिकों को कतर की इंटेलिजेंस एजेंसी के स्टेट सिक्योरिटी ब्यूरो ने 30 अगस्त 2022 को गिरफ्तार किया था। ये सभी अफसर कतर की नौसेना को ट्रेनिंग देने वाली एक निजी कंपनी दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टेंसी में काम करते थे। दहरा ग्लोबल डिफेंस सर्विस प्रोवाइड करती है। इन 8 नौसैनिकों के साथ दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टेंसी के प्रमुख स्क्वाड्रन लीडर खमिस अल अजमी को भी गिरफ्तार किया गया था लेकिन नवंबर 2022 में उन्हें छोड़ दिया गया। 26 अक्टूबर 2023 को इन सभी पूर्व नेवी अफसरों को मौत की सजा सुनाई गई। जिसके बाद 28 दिसंबर 2023 को इनकी मौत की सजा कैद में बदली गई थी। 

इजराइल के जासूसी करने का आरोप

मालूम हो कि इन सैनिकों पर लगाए गए आरोपों को कतर ने कभी भी सार्वजनिक नहीं किया लेकिन विश्व के अलग-अलग मीडिया संस्थानों ने उन आरोपों के बारे में लिखा था जिसकी वजह से भारत के पूर्व नौसैनिकों को गिरफ्तार किया गया था। फाइनेंशियल टाइम्स के अनुसार, इन पर इजराइल के लिए जासूसी करने का आरोप था। वहीं, अल-जजीरा की एक रिपोर्ट के अनुसार, इन 8 पूर्व नेवी अपसरों पर कतर के सबमरीन प्रोजेक्ट से जुड़ी अहम जानकारी इजराइल को देने का आरोप था। 

रिहा किए गए 8 अफसरों के नाम

  1. कैप्टन नवतेज सिंह गिल
  2. कमांडर पूर्णेंदु तिवारी
  3. कमांडर सुगुनाकर पकाला
  4. कमांडर संजीव गुप्ता
  5. कमांडर अमित नागपाल
  6. कैप्टन सौरभ वशिष्ठ
  7. कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा
  8. नाविक रागेश

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