इमरान खान के बाद अब उनकी पत्नी बुशरा बीबी भी होंगी गिरफ्तार? भ्रष्टाचार के मामले में हो सकती कार्रवाई

Imran khan, Pakistan- India TV Hindi
Image Source : फाइल इमरान खान, बुशरा बीबी

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी के खिलाफ सरकार कार्रवाई कर सकती है। भ्रष्टाचार के मामले उन्हें भी गिरफ्तार कर जेल भेजा जा सकता है। उनके पति इमरान खान भी जेल में बंद हैं।  मीडिया में शनिवार को आई एक खबर में यह संभावना जताई गई। ‘द न्यूज इंटरनेशनल’ अखबार की खबर के अनुसार, राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) बुशरा बीबी को कथित तौर पर प्राप्त कुछ राशि से संबंधित ‘‘सबूत’’ के हिस्सों की जांच कर रहा है। 

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गवाह से आरोपी में बदल जाएगा दर्जा

अखबार ने सूत्रों के हवाले से कहा कि भ्रष्टाचार-रोधी संस्था को कुछ नए सबूत मिले हैं, जिनकी पुष्टि होने पर बुशरा बीबी का दर्जा ‘‘गवाह’’ से ‘‘आरोपी’’ में बदल जाएगा। सूत्रों ने अखबार को बताया कि आरोपी बनने के अलावा 49 वर्षीय बुशरा बीबी को गिरफ्तार भी किया जा सकता है। डॉन अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, एनएबी ने अल-कादिर ट्रस्ट भ्रष्टाचार मामले में 13 नवंबर को बुशरा बीबी और उनकी करीबी सहयोगी फराह शहजादी को भी तलब किया है। बृहस्पतिवार को सरकारी सूत्रों के हवाले से अलग-अलग टीवी चैनल पर शहजादी द्वारा कथित भ्रष्टाचार की खबरें आईं।

राजनयिक दस्तावेज लीक करने के आरोप में इमरान की हुई थी गिरफ्तारी

खबरों में दावा किया गया कि फराह शहजादी की घोषित और अघोषित संपत्ति में 2017 से 2020 तक करोड़ों रुपये की आश्चर्यजनक वृद्धि हुई है। फराह पर पीटीआई सरकार के दौरान बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया है। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ(पीटीआई) प्रमुख खान को इस साल अगस्त में उनके खिलाफ राजनयिक दस्तावेज लीक करने का मामला दर्ज होने के बाद गिरफ्तार किया था। खान पर पिछले साल मार्च में अमेरिका में वाशिंगटन स्थित पाकिस्तानी दूतावास द्वारा भेजे गए एक राजनयिक दस्तावेज को लीक करने का आरोप है। 

इमरान खान की पार्टी के एक और नेता ने इस्तीफा दिया 

जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी को शनिवार को तब एक और झटका लगा, जब पार्टी के पूर्व महासचिव ने यह कहते हुए प्राथमिक सदस्यता छोड़ दी कि वह देश के संस्थानों के साथ ‘टकराव की नीति से असहमत’ हैं। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के नेता असद उमर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मा ‘एक्स’ पर कहा कि उन्होंने सार्वजनिक जीवन में एक दशक से अधिक समय तक रहने के बाद ‘पूरी तरह से राजनीति से संन्यास’ लेने का फैसला किया है। उमर का इस्तीफा आठ फरवरी को प्रस्तावित आम चुनाव से पहले आया है। उमर ने कहा, ‘‘जैसा कि मैंने पहले ही सार्वजनिक रूप से कहा था कि मैं देश के संस्थानों के साथ टकराव की नीति से असहमत हूं और ऐसी नीति ने सरकारी संस्थानों के साथ गंभीर टकराव को जन्म दिया है, जो देश के हित में नहीं है।’’

‘जियो’ न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, उमर पार्टी के उन वरिष्ठ नेताओं की सूची में शामिल हो गए हैं, जिन्होंने नौ मई की हिंसा के बाद राजनीति छोड़ दी है। कथित भ्रष्टाचार के मामले में नौ मई को इस्लामाबाद हाईकोर्ट परिसर से खान की गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान में बड़े पैमाने पर हिंसा हुई। खान की गिरफ्तारी के विरोध में पीटीआई समर्थक सड़कों पर उतर आए और पूरे पाकिस्तान में सरकारी इमारतों और सैन्य प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ और आगजनी की गई। (इनपुट-भाषा)

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