‘आतंकवाद शांति और सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा’, BRICS की बैठक में बोले NSA अजीत डोभाल

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BRICS:  एनएसए अजीत डोभाल ने जोहान्सबर्ग में 13वीं ब्रिक्स एनएसए बैठक में हिस्सा लिया।इस दौराना उन्होंने भारत की मौजूदा जी20 अध्यक्षता के लिए दक्षिण अफ्रीका द्वारा दिए गए सहयोग की सराहना की। और इस वर्ष दक्षिण अफ्रीका की ब्रिक्स अध्यक्षता के लिए भारत के की ओर से लगातार समर्थन का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि यह बैठक अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा माहौल में बड़े मंथन के समय हो रही है। वैश्विक सुरक्षा की स्थिति वर्तमान समय की अनिश्चितता और बढ़ते तनाव से प्रभावित है। वैश्विक अर्थव्यवस्था अभी भी महामारी के बाद के प्रभावों से बच रही है। इस ब्रिक्स सम्मेलन में साइबर, समुद्री और अंतरिक्ष जैसे विषयों को शामिल किया गया। साथ ही भोजन, पानी और ऊर्जा सुरक्षा की गैर-पारंपरिक चुनौतियां जो आज के समय में देखी जा रही हैं, ब्रिक्स एनएसए की बैठक में दक्षिण अफ्रीका द्वारा इन विषयों को शामिल किया गया, जो सुरक्षा के व्यापक आयामों की स्पष्ट समझ को दर्शाता है।

ब्रिक्स देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकर एक मंच पर।

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ब्रिक्स देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकर एक मंच पर।

आतंकवाद से निपटने के लिए ब्रिक्स देश मिलकर कर सकते हैं काम: डोभाल

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डोभाल ने कहा कि ‘सामान्य लक्ष्यों को आगे बढ़ाने और उभरती चुनौतियों का समाधान करने के लिए क्षेत्रीय तंत्र का उपयोग किया जाना चाहिए। अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुरूप विश्वभर के देशों में न्यायसंगत और निष्पक्ष पहुंच सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए प्रमुख खतरों में से एक बना हुआ है। डोभाल ने कहा कि अफगान-पाक क्षेत्र में आतंकवादी संगठन बेखौफ होकर काम कर रहे हैं। उन्होंने उल्लेख किया कि संयुक्त राष्ट्र के लिए आतंकवाद विरोधी प्रतिबंध व्यवस्था के तहत आतंकवादियों और उनके प्रतिनिधियों को सूचीबद्ध करना एक ऐसा क्षेत्र है जिस पर ब्रिक्स के देश मिलकर काम कर सकते हैं। 

पानी बचाना हम सबकी जिम्मेदारी

अजीत डोभाल ने कहा कि जल सुरक्षा आज के समय में एक अहम वैश्विक मुद्दा है। इसका विवेकपूर्ण उपयोग और संरक्षण हम सबकी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने 2023 को अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष घोषित किया है। भारत लाइफस्टाइल फॉर एन्वायर्नमेंट (LiFE) जैसी पहल के माध्यम से शैक्षिक और व्यवहारिक दृष्टिकोण का समर्थन करने में सबसे आगे रहा है। ब्रिक्स देशों को व्यक्तिगत व्यवहार पर ध्यान केंद्रित करके और पर्यावरण के लिए जीवनशैली में बदलाव करके दुनिया के लिए एक उदाहरण स्थापित करना चाहिए।

भारत ने महामारी के दौरान की कई देशों की सहायता

डोभाल ने इस बात का उल्लेख किया कि वैश्विक खाद्य आपूर्ति प्रणाली में एक अहम जिम्मेदारी निभाने वाला देश है। उन्होंने कहा कि भारत ने उसने महामारी के दौरान कई देशों की सहायता की है। भोजन की आपूर्ति के साथ-साथ उर्वरकों की निर्बाध उपलब्धता सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। आज की उर्वरक की कमी कल का खाद्य संकट हो सकती है।

विकासशील देशों की आवाज उठाना जी20 की बड़ी प्राथमिकता

भारत की जी20 अध्यक्षता के दौरान, प्राथमिकताओं में से एक विकासशील देशों की चिंताओं को प्रखरता से उठाना है। भारत जी 20 के तहत एक वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन बनाने का प्रस्ताव कर रहा है। उन्होंने भारत द्वारा आयोजित वॉयस ऑफ द ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन को याद किया, जिसमें 125 देशों ने हिस्सा लिया था। डोभाल ने कहा कि इस वर्ष भारत की अध्यक्षता में जी20 एजेंडा वास्तव में दुनिया, विशेष रूप से ग्लोबल साउथ की जरूरतों को शामिल करेगा। भारत ब्रिक्स देशों के द्वारा किए जा रहे कार्यों को प्रमुखता देता है। साथ ही मिलमुलकर इसके लिए कोशिशों को आगे बढ़ाने के लिए तत्परता से तैयार है।

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